
नाड़ी परीक्षण एवं स्वास्थ्य प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
🖍📰 खरगोन से अनिल बिलवे की खास रिपोर्ट
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस खरगोन में प्राचार्य डॉ. शैली जोशी के संरक्षण तथा आइक्यूएसी प्रभारी डॉ. वंदना बर्वे के मार्गदर्शन में महाविद्यालयीन स्टाफ के लिए नाड़ी परीक्षण एवं स्वास्थ्य प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया गया। विषय विशेषज्ञ आरोग्य केंद्र खंडवा के स्वास्थ्य विशेषज्ञ श्री प्रज्योत आरोटे एवं श्री मोहित सिंह उपस्थित हुए।
श्री प्रज्योत आरोटे ने वर्तमान समय में अस्त-व्यस्त जीवन शैली के कारण होने वाले रोगों यथा हृदय रोग, गैस कब्ज, एसिडिटी थायराइड, मधुमेह, रक्तचाप, वात रोग, जोड़ों का दर्द इत्यादि रोगों के संभावित कारण, लक्षण एवं इनसे निजात पाने के सरल सहज तरीके सुझाए। स्वस्थ शरीर एवं स्वस्थ मन के लिए उन्होंने ब्रह्म मुहूर्त में जागरण से लेकर आहार के लिये उचित समय निश्चित करने की सलाह दी। सुबह 10 बजे से 11 बजे के बीच में एवं शाम 5 से 6 बजे के बीच भोजन करने का अति उत्तम समय होता है। इस समयावधि में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की उत्पत्ति होने के कारण भोजन करना आवश्यक होता है। इस समय भोजन न करने के कारण अम्लपित्त बढ़ जाता है।
श्री आरोटे ने बताया कि जोड़ों के दर्द होने पर अपनी इच्छा अनुसार दवाई नहीं लेनी चाहिए। शरीर में रक्त संचार को सुचारु करने एवं उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने ढोलक आसन का प्रतिदिन अभ्यास करना अत्यंत लाभदायक होता है। थायराइड एवं सर्वाइकल पेन से निजात पाने के लिए शंख मुद्रा का अभ्यास करना भी सिखाया। विशेषज्ञों ने शंख मुद्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह एक हस्त मुद्रा है। जिसमें हाथों की कुछ विशेष स्थितियों के माध्यम से ऊर्जा को प्रवाहित किया जाता है। इसका अभ्यास थायराइड ग्रंथि के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है, लेकिन यह टी3, टी4 और टीएसएच हार्माेन के स्तर को सीधे नियंत्रित नहीं करता है। राजस्थानी एलोवेरा पौधे के माध्यम से विभिन्न रोगों का इलाज यथा त्वचा रोग गैस कब्ज एसिडिटी से निजात पाया जा सकता है। राजस्थानी एलोवेरा का स्वरस सेवन करने से इन रोगों का घर पर ही प्राकृतिक तरीके से उपचार किया जाना संभव है।